tag:blogger.com,1999:blog-6917016002137763809.post2255909900950932913..comments2012-10-01T03:55:10.048+05:30Comments on ' ' कालचक्र :: अन्योनास्ति ' ' {kaalchakra}: फलित कथन की अति-सरल पद्धति '' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा ::http://www.blogger.com/profile/02846750696928632422noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6917016002137763809.post-81084304042555836812009-06-30T09:35:34.143+05:302009-06-30T09:35:34.143+05:30आपका ये ब्लोग देख कर तो और भी उत्साहित हूँ मैने भी...आपका ये ब्लोग देख कर तो और भी उत्साहित हूँ मैने भी बहुत देर कृ्श्णाआमूर्ती पदती का अभ्यास किया है पहले मेरा फलित सही नहीं होता थ फिर क्यों कि अक्षाँस्ग और रेखाँश इस शहर के हिसाब से नहीं थे पुस्तकों मे 31-23 ही मिल्त थ हमरे शहर का 31-12 था फिर मैने 31-12 का एक चार्ट बनाया जिस के लिये् मुझे बहुत मेहनत करनी पडी मै केवल प्रश्न कुन्ड ली पर ही ध्यान केन्द्रित कर्ती थी काफी आगे निकल गयी थी मगर 1990 मे मेरे जवान बेटे का मर्डर हो गया उसके बाद मैने जोतिश छोद दिया था भार्तिय जोतिश मे कभी 2 कुछ देख लेव्ती हूँ बस आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा और मेरे मन्पसंद विश्य भी बहुत बहुत शुभकामनायें आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6917016002137763809.post-51601225196990393622009-02-06T12:53:00.000+05:302009-02-06T12:53:00.000+05:30बहुत सुन्दर लिखा आपने, बधाई.कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शि...बहुत सुन्दर लिखा आपने, बधाई.<BR/>कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.com